दैनिक ब्लॉग
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कौशल (कौशल), श्रीमद्भगवद्गीता, श्लोक-9, अध्याय-1
सुनिश्चित करें कि आपके पास अपने इच्छित लक्ष्य को प्राप्त करने का कौशल है, अन्यथा यह केवल इच्छा मात्र ही रह जाएगा और उसे प्राप्त...
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खोज (अनुसंधान), श्लोक-8, अध्याय-1, श्रीमद् भागवत गीता
एक अनपढ़ से लेकर ज्ञानी कहलाने वाले इंसान के लिए शोध बेहद ज़रूरी और महत्वपूर्ण है। तो कौरवों और पांडवों के लिए शोध ने कैसे...
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राक्षस (शैतान), श्रीमद्भगवद्गीता, श्लोक-7, अध्याय-1, रूद्र वाणी
तो अब शैतान कौन है? वो जो हमारे अंदर रहता है और हमारी ज़िंदगी नर्क बना देता है? या वो जो हमारे बगल में रहता...
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शब्द (शब्द), श्रीमद्भगवद्गीता, श्लोक-6, अध्याय-1, रूद्र वाणी
शब्दों का उद्देश्य संचार और निर्माण का माध्यम होना था। लेकिन क्या ये रिश्तों जैसी महत्वपूर्ण चीज़ को भी नष्ट कर सकते हैं? आइए, श्रीमद्भगवद्गीता...
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पालन-पोषण (पालन-पोषण), श्रीमद्भगवद्गीता, श्लोक-5, अध्याय-1, रूद्र वाणी
क्या किसी व्यक्ति की शिक्षा और परवरिश के प्रति दृष्टिकोण बाहरी दुनिया के प्रति उसके व्यवहार को बदल सकता है? क्या किसी को इस बदलाव...
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राजनीति (राजनीति), श्रीमद्भगवद्गीता, श्लोक-4, अध्याय-1, रूद्र वाणी
क्या यह सिर्फ़ सत्ता और अधिकार का मामला है? या इसमें खेल का पहलू भी शामिल है? क्या राजनीति किसी को बर्बाद कर सकती है?...
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सही गलत (सही-गलत), श्रीमद्भगवद्गीता, श्लोक-3, अध्याय-1, रूद्र वाणी
क्या यह हमेशा एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं या तराजू का एक ही तरफ झुकना, लेकिन बिल्कुल किनारे पर नहीं? क्या यह...
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मतलब (स्वार्थी), श्रीमद्भगवद्गीता, श्लोक-2, अध्याय-1, रूद्र वाणी
स्वार्थ कितना बुरा हो सकता है? क्या यह आपके द्वारा अर्जित की गई हर चीज़ को पूरी तरह से नष्ट या नष्ट करने के लिए...
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नफ़रत (नफरत) | श्रीमद्भागवत गीता, श्लोक-1, अध्याय-1, रूद्र वाणी
प्यार आपको अंधा बना देता है, लेकिन क्या नफरत भी आपको अंधा बना सकती है? श्रीमद्भगवद्गीता और रुद्र वाणी से जानिए कि कैसे किसी चीज़...