विवरण
ब्रह्मांड की ध्वनि, भगवान शिव के डमरू से निकली पहली ध्वनि जो गूंजती हुई वापस आई, वह थी ॐ। ॐ ही सबका आदि और अंत है। ॐ अस्तित्व का सबसे शुभ कारण है और व्यक्ति की विचार प्रक्रिया को शांति प्रदान करने वाला सबसे शक्तिशाली माध्यम है। ॐ का प्रयोग ध्यान और पूजा दोनों में किया जाता है। विडंबना यह है कि ॐ शब्द से व्यक्ति उत्तेजित और शांत दोनों हो सकता है। इस प्रकार, ॐ धारण करने वाले के जीवन में शांति और समर्पित सकारात्मकता दोनों का वास होगा।
यह एक असली सोने की परत चढ़ी माला है जिसमें असली इंडोनेशियाई रुद्राक्ष के मोती जड़े हैं (मोतियों का आकार 6 मिमी और मोतियों की संख्या 54)। (कृपया इंडोनेशियाई और नेपाली रुद्राक्ष के बीच अंतर पढ़ें ।) (ऑर्डर करने से पहले यहां क्लिक करें )
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