हस्तनिर्मित सिद्ध तांबे का कलश

विवरण

यह एक हस्तशिल्प वस्तु है जिसमें शुद्ध तांबे पर 12 देवताओं की मूर्तियाँ हाथ से बनाई गई हैं। कलश ब्रह्मांड के सभी देवताओं की एकता का प्रतीक है। ताँबा पूजा के लिए सबसे शुद्ध धातुओं में से एक है और कलश पर प्रत्येक छवि को हाथ से गढ़ना कला और रचनात्मकता का एक सराहनीय कार्य है।

कलश को घट या गणेश स्वरूप भी कहा जाता है। भगवान गणेश को प्रथमपूज्य गणेश (सबसे पहले पूजे जाने वाले) कहा जाता है। उन्होंने कलश को अपना प्रतीक बनाया और कलश को शक्ति प्रदान की ताकि वह उपासक के जीवन से किसी भी प्रकार की समस्या या अनिष्ट की स्थिति में उसे परेशानियों और तनावों से दूर रख सके। यह सिद्ध कलश सिद्ध महापीठ, वाराणसी से खरीदें।

रुद्राक्षहब आपको एक बहुत ही खुशहाल और बहुत ही शानदार त्यौहारी सीजन और एक बहुत ही सुखद पूजा अनुभव की शुभकामनाएं देता है।

हस्तनिर्मित सिद्ध तांबे का कलश

उत्पाद का स्वरूप

यह एक हस्तशिल्प वस्तु है जिसमें शुद्ध तांबे पर 12 देवताओं की मूर्तियाँ हाथ से बनाई गई हैं। कलश ब्रह्मांड... और पढ़ें

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    विवरण

    यह एक हस्तशिल्प वस्तु है जिसमें शुद्ध तांबे पर 12 देवताओं की मूर्तियाँ हाथ से बनाई गई हैं। कलश ब्रह्मांड के सभी देवताओं की एकता का प्रतीक है। ताँबा पूजा के लिए सबसे शुद्ध धातुओं में से एक है और कलश पर प्रत्येक छवि को हाथ से गढ़ना कला और रचनात्मकता का एक सराहनीय कार्य है।

    कलश को घट या गणेश स्वरूप भी कहा जाता है। भगवान गणेश को प्रथमपूज्य गणेश (सबसे पहले पूजे जाने वाले) कहा जाता है। उन्होंने कलश को अपना प्रतीक बनाया और कलश को शक्ति प्रदान की ताकि वह उपासक के जीवन से किसी भी प्रकार की समस्या या अनिष्ट की स्थिति में उसे परेशानियों और तनावों से दूर रख सके। यह सिद्ध कलश सिद्ध महापीठ, वाराणसी से खरीदें।

    रुद्राक्षहब आपको एक बहुत ही खुशहाल और बहुत ही शानदार त्यौहारी सीजन और एक बहुत ही सुखद पूजा अनुभव की शुभकामनाएं देता है।