Mauka (Opportunity), Shrimad Bhagwad Geeta, Shlok-32, Chapter-2, Rudra Vaani

मौका (अवसर), श्रीमद्भगवद्गीता, श्लोक-32, अध्याय-2, रूद्र वाणी

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Mauka (Opportunity), Shrimad Bhagwad Geeta, Shlok-32, Chapter-2, Rudra Vaani

आपके रास्ते में कई अवसर आते हैं। यह आप पर निर्भर है कि आप किसे अपनाना चाहते हैं और क्यों। इसके बारे में और जानें श्रीमद्भगवद्गीता और रुद्र वाणी के साथ।

मौका (अवसर), श्रीमद्भगवद्गीता, श्लोक-32, अध्याय-2, रूद्र वाणी

श्रीमद्भगवद्गीता श्लोक ब्लॉग-79

श्लोक-32

यदृच्छया चोप्पन्नं स्वर्गद्वारमपावृतम्। सुखिनः क्षत्रियाः पार्थ लभन्ते युद्धमीदृशम् ॥ 2-32 ||

अंग्रेजी प्रतिलेखन

यद्यच्चया चोपापन्नं स्वर्द्वारमपावृत्तम् | सुखिनः क्षत्रियः पार्थ लभन्ते युद्धमीद्यशम् || 2-32 ||

हिंदी अनुवाद

अपने आप प्राप्त हुआ युद्ध स्वर्ग का दरवाजा भी है। अर्जुन, वो क्षत्रिय बड़ा भाग्यशाली है जिसका ऐसा युद्ध का अवसर प्राप्त होता है।

अंग्रेजी अनुवाद

अर्जुन, वह सैनिक सबसे अधिक सुखी होगा जिसे ऐसा युद्ध लड़ने का मौका मिलेगा जो स्वर्ग का द्वार खोल देगा

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