हासिल (प्राप्ति), श्रीमद्भगवद्गीता, श्लोक-37, अध्याय-2, रूद्र वाणी
, 1 मिनट पढ़ने का समय
, 1 मिनट पढ़ने का समय
आप वह सब कुछ प्राप्त करने के लिए तैयार हैं जिसके आप हकदार हैं और जिसके लिए अथक परिश्रम करते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी श्रीमद्भगवद्गीता में रुद्र वाणी के साथ प्राप्त करें।
श्रीमद्भगवद्गीता श्लोक ब्लॉग-84
श्लोक-37
हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम। तस्मादुतिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चयः ॥ 2-37 ||
अंग्रेजी प्रतिलेखन
हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम | तस्मादुतिष्ठ कौतेय युद्धाय कृत्निश्चयः || 2-37 ||
हिंदी अनुवाद
अगर तुम युद्ध में मारे जाओगे तो तुम्हें स्वर्ग की प्राप्ति होगी या अगर तुम युद्ध में जीत जाओगे तो पृथ्वी राज्य को शापित करोगे। तो हे अर्जुन, अब तुम युद्ध के लिए निश्चय कर के खड़े हो जाओ।
अंग्रेजी अनुवाद
इस युद्ध में यदि तुम मारे गए तो तुम्हें स्वर्ग मिलेगा। यदि तुम जीते तो तुम्हें पृथ्वी का सम्पूर्ण राज्य मिलेगा। अतः अब, हे कुन्तीपुत्र, उठो, कमर कस लो और युद्ध के लिए तैयार हो जाओ।